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Tuesday, May 1, 2012

मई 2012 : ज्योतिष की नजर से


- सुरेंद्र बिल्लौरे

ग्रहों का परिभ्रमण एवं राशि परिवर्तन पृथ्वी के जीवों पर क्या प्रभाव डालता है, देखिए एक नजर :-

मई 2012 में मंगल का परिभ्रमण सिंह राशि पर चल रहा है, यह स्थिति सोना-चांदी के भाव को उच्च बनाकर रखेगी। इनकी दृष्टि के कारण हल्का उतार भी आ सकता है। लाल वस्तुओं का भाव भी अच्छा रहेगा।

बुध का मेष राशि में परिभ्रमण रहने से स्वर्ण के भाव समान बने रहने के योग बनते हैं। बुध की स्थिति से पशुओं पर विपत्ति, कष्ट आएगा। सूर्य का मेष राशि में परिभ्रमण पूर्व के देशों में सुख-शांति देगा। पश्चिम के देशों में आपत्ति एवं विद्रोह का भय रहेगा। दक्षिण के देशों में दुर्भिक्ष का भय रहेगा। उत्तर के देशों में अशांति बनी रहेगी, साथ ही युद्ध की आशंका रहेगी।

इस माह शुक्र का परिभ्रमण लोगों को सुख-शांति प्रदान करेगा। शनि भी सामान्य फल दे रहा है। मई माह में गुरु की राशि का परिवर्तन होना अर्थात् गुरु मेष राशि से वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे। जिससे स्त्रियों पर कष्ट आएंगे, नाना प्रकार की ‍पीड़ाएं एवं रोग उत्पन्न होने का भय रहेगा।

पशु-पक्षियों पर जैसे हाथी, घोड़े, गधे इन पर भी पीड़ा आएगी। अच्छे परिणाम स्वरूप अनाज सस्ता होगा। सूर्य का भी राशि परिवर्तन कर वृषभ राशि में प्रवेश करने से दक्षिण के देशों में सुख-शांति होगी, उत्तर तथा पश्चिम के देशों में पीड़ा रहेगी। पूर्व के देशों में पीड़ा, युद्ध का भय एवं अशांति रहेगी।

बुध राशि परिवर्तन कर वृषभ राशि में परिभ्रमण करेंगे इससे पृथ्वी पर सर्वत्र अशांति व कलह होगा। शुक्र का परिभ्रमण (वृषभ राशि में) लोगों को सुख-शांति प्रदान करेगा। शुक्र, बुध, सूर्य, गुरु एवं केतु सभी का एक ही राशि (वृषभ राशि में) में परिभ्रमण करने से पंचग्रही योग बन रहा है, जिससे रक्तपात, आतंकवाद एवं कहीं-कहीं जलप्लावन एवं वायु दुर्घटना होगी।

इस माह की कुंडली को आकाशीय दृष्टि से देखे, तो शुक्र-सूर्य-बुध एक साथ होने से एवं वायु-दहन सप्तनाड़ी में स्थित होने से तेज गर्मी के साथ-साथ तेज गर्म हवा से लोग व्याकुल होंगे। शुक्र का स्वराशि में स्थित होने से कहीं-कहीं बादल की चाल के साथ बूंदाबांदी भी होगी। इस दौरान दिल्ली, उत्तरप्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, बिहार, मध्यप्रदेश, उत्तराखंड के मैदानी भागों में लोग गर्मी से व्याकुल होंगे।

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