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Wednesday, April 18, 2012

तिथि के अनुसार आहार-बिहार --

तिथि के अनुसार आहार-बिहार --> प्रत्येक जीव को भोजन की आवश्यकता होती है, मनुष्य बुध्दिजीवी प्राणी 
है! वह हमेशा स्वस्थ एवं आनन्दमय जीवन जीना चाहता है! हमेशा स्वस्थ एवं आनन्द वाले जीवन के लिए 
किस दिन वस्तु का भोजन में परित्याग करे जिससे आप अच्छा जीवन जी सके जानिए!
 उपरोक्त लेख में आपने ध्दाद्शी तक आहार बिहार देखा, आगे देखे और क्या आहार बिहार होना चाहिए!
१.--> तेरस के दिन बैगन खाना निषिध्द है, उपरोक्त वताये गये, नियम ( एकादशी,ध्दाद्शी, तेरस ) को न पालन 
करने से पुत्र का नाश होता है!
२.--> अमावस्या,पूर्णिमा,संक्रांति चतुर्दशी और अष्टमी,रविवार,श्राध्द एवं व्रत के दिन स्त्री सहवास तथा तिल का तेल, लाल रंग का साग तथा कांसे के पात्र में भोजन करना निषिध्द है!
विशेष--> रविवार के दिन अदरक भी नही खाना चाहिए! 
१.--> कार्तिक मास में बैगन और माघ मास में मुली का त्याग करना चाहिए!
२.--> अंजलि से या खड़े होकर जल नही पीना चाहिए! 
३. जो भोजन लड़ाई-झगड़े करके बनाया गया हो, जिस भोजन को किसी ने लांग  दिया हो, जी खाने को एम् 
सी वाली स्त्री ने छू लिया हो, वः भोजन नही करना चाहिए! क्योकि वह भोजन राक्षस भोजन होता है!
४.--> लक्ष्मी प्राप्त करने वाले को रत में दही और सत्तू नही खाना चाहिए! यह नरक की प्राप्ति करता है!
 

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